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गई है जिसमें किसी भी प्रकार की तथा किसी भी कारण से आई शारीरिक शिथिलता को दूर करने की क्षमता पाई जाती है। यह इतनी पौष्टिक तथा बलवर्धक होती है कि इसे दूसरे शिलाजीत की संज्ञा दी जाती है। सफेद मूसली एक बहुत ही उपयोगी पौधा है, जो कुदरती तौर पर बरसात के मौसम में जंगल में उगता है । सफेद मूसली की जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं बनाने में किया जाता है । खासतौर पर इस का इस्तेमाल सेक्स कूवत बढ़ाने वाली दवा के तौर पर किया जाता है । सफेद मूसली की सूखी जड़ों का इस्तेमाल यौवनवर्धक, शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक दवाएं बनाने में करते हैं । इस की इसी खासीयत के चलते इस की मांग पूरे साल खूब बनी रहती है, जिस का अच्छा दाम भी मिलता है ।
बीज या प्लान्टिंग मेटेरियल हेतु मूसली का संग्रहण
सफेद मूसली चूर्ण की औषधीय मात्रा हर व्यक्ति में उम्र, शरीर की ताकत और भूख आदि पर निर्भर करती है। सफेद मूसली की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
सफेद मूसली शरीर का पोषण करती है। इसलिए यह पतले शरीर या कम वजन वाले व्यक्ति में वजन को बढाती है और ताकत प्रदान करती है। वजन बढ़ाने के लिए मूसली के साथ दूध लेना ज्यादा लाभकारी है।
सफेद कद्दू में ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन की मात्रा अच्छी पाई जाती है, जो आंखों के लिए फायदेमंद होता है। सफेद कद्दू का नियमित सेवन करने से आंखें स्वस्थ रहती है और आंखों से जुड़ी परेशानियां दूर होती है।
आधा-आधा चम्मच मूसली पाक दिन में दो बार ले सकते है।
इससे कब्ज की समस्या तो दूर होगी ही, साथ ही पाचन से जुड़ी दिक्कतों का भी समाधान होगा.
आयुर्वेद, यूनानी और check here होम्योपैथी के साथ ही चिकित्सा की बहुत सी प्रणालियों में भारत की इस दुर्लभ जड़ी बूटी सफ़ेद मुसली का उपयोग किया जाता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खानपान को लेकर बहुत ज्यादा परहेज करने की जरूरत होती है.
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दुनिया भर में बड़ी तादाद में लोग व्हिस्की का सेवन करते हैं। हर साल मई महीने का तीसरा शनिवार वर्ल्ड व्हिस्की डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन जहां लोगों को व्हिस्की के सेवन को लेकर जागरूक किया जाता है। व्हिस्की के शरीर पर होने वाले प्रभावों से लेकर इसके फायदों पर चर्चा की जाती है।
दस्त लगने पर सफ़ेद मूसली की जड़ के चूर्ण २ से ४ ग्राम लें, इसे दूध में मिलाकर पिएं। इसका सेवन करने से दस्त, भूख की कमी, पेचिश में लाभ मिलता है।
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